क्या किसी भी पार्टी के अध्यक्ष ने ऐसा शपथ पत्र दिया है???
जय भारत, भारत के उत्तरी हिस्से में अपना जनाधार मजबूत करती एक पार्टी जिसका नाम " महान दल" है, के अध्यक्ष श्री केशव देव मौर्य ने एक शपथ पत्र पूरी जनता में लिख कर दिया है की:
१-अपने जीवन में कभी बेईमानी नहीं करेंगे और भ्रष्टाचार से मुक्त राजनीती
करेगे.
२-अपनी पार्टी में उसी व्यक्ति पद देंगे जिसका चरित्र अच्छा होगा, नशा नहीं करता होगा और भ्रष्टाचार का हमेशा विरोध करता रहे; उसमे लिप्त नहो,
३-मै स्वयं और मेरा परिवार किसी प्रकार की कोई संपत्ति अर्जित नहीं करेंगे, यदि इसी प्रकार के शपथ पत्र सब नेता दे देवे तो स्वामी रामदेवजी की राष्ट्रनीति का अपने आप पालन होता जायेगा और राष्ट्र बच जायेगा. यही वजह है जो भी इनसे मिलता है, उनसे बहुत ही प्रभवित होता है, इससे निति के बल पर उन्होंने उत्तर भारत में अच्छा जनाधार खडा कर दिया है और करीब 6-8% वोट आज इनके कब्जे में है. इनके वोट बैंक से प्रभावित होकर एक राष्ट्रीय पार्टी ने इन्हें बहुत बड़ी राशी का लालच दिया था परन्तु इन करोडो की राशी को इन्होने ठुकरा दिया, आप स्वयं अंदाजा लगा सकते है वह राष्ट्रीय पार्टी कौन सी हो सकती है. भारत के सभी राजनीतिज्ञों को इसी प्रकार सपरिवार शपथ देना चाहिए जिससे की वह वचन में बंधकर निरपेक्ष होकर राष्ट्रनिर्माण में गौरव के साथ भाग ले सके.
(संलग्न पत्र देंखे)
जय भारत
जय भारत, भारत के उत्तरी हिस्से में अपना जनाधार मजबूत करती एक पार्टी जिसका नाम " महान दल" है, के अध्यक्ष श्री केशव देव मौर्य ने एक शपथ पत्र पूरी जनता में लिख कर दिया है की:
१-अपने जीवन में कभी बेईमानी नहीं करेंगे और भ्रष्टाचार से मुक्त राजनीती
करेगे.
२-अपनी पार्टी में उसी व्यक्ति पद देंगे जिसका चरित्र अच्छा होगा, नशा नहीं करता होगा और भ्रष्टाचार का हमेशा विरोध करता रहे; उसमे लिप्त नहो,
३-मै स्वयं और मेरा परिवार किसी प्रकार की कोई संपत्ति अर्जित नहीं करेंगे, यदि इसी प्रकार के शपथ पत्र सब नेता दे देवे तो स्वामी रामदेवजी की राष्ट्रनीति का अपने आप पालन होता जायेगा और राष्ट्र बच जायेगा. यही वजह है जो भी इनसे मिलता है, उनसे बहुत ही प्रभवित होता है, इससे निति के बल पर उन्होंने उत्तर भारत में अच्छा जनाधार खडा कर दिया है और करीब 6-8% वोट आज इनके कब्जे में है. इनके वोट बैंक से प्रभावित होकर एक राष्ट्रीय पार्टी ने इन्हें बहुत बड़ी राशी का लालच दिया था परन्तु इन करोडो की राशी को इन्होने ठुकरा दिया, आप स्वयं अंदाजा लगा सकते है वह राष्ट्रीय पार्टी कौन सी हो सकती है. भारत के सभी राजनीतिज्ञों को इसी प्रकार सपरिवार शपथ देना चाहिए जिससे की वह वचन में बंधकर निरपेक्ष होकर राष्ट्रनिर्माण में गौरव के साथ भाग ले सके.
(संलग्न पत्र देंखे)
जय भारत
2 टिप्पणियाँ:
ये तो बहुत अच्छी पहल है। सभी को इस तरह के शपत पत्र लिखने चाहिये मगर हमारे डाक्टर वकील ऐसे शपथ पत्र लिखते हैं उनमे कितने इमानदार हैं? इन्सान के चरित्र मे ही ये संस्कार हों तभी कुछ होगा। धन्यवाद।
जी बात तो बिल्कुल सही है। सहमत
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